मुजफ्फरनगर में जनपद वासियों का पुलिस से उठ गया भरोसा अब खुद ही चोरों से तंग आकर दे रही पहरा
खुद ही चोरों से तंग आकर दे रही पहरा
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद वासियों का लगता है पुलिस से विश्वास उठ सा गया है क्योंकि नगर में स्थित शांति नगर कॉलोनी के लोग चोरों से तंग आकर अब खुद हाथों में लठ लेकर रात में पहरा देते नजर आ रहे हैं। इस कॉलोनी के रहने वाले बीजेपी के पूर्व मंडल अध्यक्ष राजेश पाराशर का तो कहना है कि कुछ असामाजिक तत्व यहां पर नशे का व्यापार करते हैं जो बच्चों को गुमराह कर रहे हैं इसलिए हम लोग सचेत रहते हैं और छोटी-मोटी घटनाएं भी यहां पर हुई है माहौल अच्छा रखने के लिए हम सब लोग साथ में खाना खाने के बाद रात में कॉलोनी में घूमते हैं।
आपको बता दे कि नई मंडी कोतवाली क्षेत्र स्थित शांति नगर कॉलोनी मैं बताया जा रहा है कि कुछ दिन को एक दुकान में चोरी की घटना हुई थी कॉलोनी वासियों का कहना है कि पुलिस ने इस मामले में कोई उचित कार्रवाई नहीं की है। जिसके चलते अब यहां के रहने वाले लोगों ने खुद अपनी सुरक्षा का जुम्मा अपने हाथों में ले लिया है।जिसके दृष्टिगत अब यहां के लोग रात में हाथों में डंडे लेकर जागते रहो कहते हुए नजर आते हैं।
यहां के लोगों का कहना है कि चोरी की घटनाओं के साथ साथ यहां पर नशेड़ी लोगों का भी बोलबाला है जिसको देखते हुए अब यहां के लोग रात में पहरा देने को मजबूर हो गए हैं।
जानकारी के मुताबिक इस खबर को लेकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी ट्वीट करते हुए सुरक्षा व्यवस्था पर जहां सवाल उठाए हैं तो वहीं मुजफ्फरनगर जनपद से सपा सांसद हरेंद्र मलिक का कहना है कि शांति नगर में तो लोग चोरों की वजह से पहरा दे रहे हैं और देहात के लोग तो पुलिस की वजह से पेरा दे रहे हैं।
इस मामले में जब जनपद के आलाधिकारियों से बात करनी चाही तो उन्होंने इस मामले में कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया।
सांसद हरेंद्र मलिक का कहना है कि शांति नगर के लोग चोरों की वजह से अगर पहरा दे रहे हैं और देहात के लोग तो पुलिस की वजह से पहरा दे रहे हैं कानून व्यवस्था बेहद मुजफ्फरनगर में इस समय समझ में नहीं आता अधिकारियों से बात करते हैं तो अधिकारी बहुत अच्छे से बात करता है कोई थानेदार इनकी सुनता नहीं और अफसोस इस बात का है की शिकायत करने के बाद भी क्या दबाव अधिकारियों के ऊपर है देखिए मैं एक पक्ष नहीं देख रहा दोनों पक्ष देख रहा हूं कि वह थानेदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाए आज तक एक सस्पेंड नहीं हुआ एक लाइन हाजिर नहीं हो रहा कई थानों की ऐसी मिसाइल है जहां गाव वाले ये कह रहे है कि हम गांव छोड़कर चले जाएंगे नशा हर जगह जहां आप बैठे हो या जो मौत हुई है यह स्मेक से मौत हुई 30 सवाल का नौजवान चला गया स्मेक पीने से यह बिग कहां से रहा है बेच कौन रहा है जब नाश सट्टा जुआ फैलता है शराब फैलती है तो उसे खरीदने के लिए उसको पूरा करने के लिए उसे चोरी करते हैं लूट करते हैं ।
वह भी तो यहां के नागरिक हैं जब कानून व्यवस्था अच्छी रहेगी तो सबके लिए अच्छी होगी जब खराब होगी बदमाश किसी जाति धर्म या पार्टी को नहीं देखा वह तो जो कोई हाथ लगेगी उसी से लूट करेगा।
हमारे अध्यक्ष जी संवेदनशील है और सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उनका दायित्व बनता है उन्होंने दायित्व का निर्वाह किया है संवेदना व्यक्त की है क्योंकि मुजफ्फरनगर में रॉयल बुलेटिन ने साहस की है एवं प्रशंसा करते हैं उनके साहस की और साहस करके उन्होंने इस मामले को हाईलाइट किया है और फोटो के साथ किया नाम लिखकर के किया हालत बहुत बदतर है और इसमें सत्यता जो नजर आती है शायद राजनीतिक दबाव इतना है कि यह दरोगाओं को कुछ कह नहीं पाते हैं राजनीतिक दबाव में अब यह पता नहीं है आदेश नहीं करते या उनके आदेश को वह मानता नहीं मैं चुनाव में भी देखा अधिकारी कुछ बात करते हैं और दरोगा बूथ कैप्चर कराते थे तो यह कहीं ना कहीं ज्यादा स्थिति खराब है इसलिए लोग परेशान है।
शांति नगर कॉलोनी निवासी बीजेपी के पूर्व मंडल अध्यक्ष राजेश पाराशर की जहाँ माने तो मेरा नाम राजेश पाराशर है मैं पूर्व मंडल अध्यक्ष हूं भारतीय जनता पार्टी का ये तो अच्छी बात है अपने मोहल्ले का माहौल अच्छा रखना चाहिए हम लोगों को और अपने सभी परिवारों का ध्यान रखना चाहिए सब लोग साथ में बैठते हैं खाना खाने के बाद घूमते हैं जागते क्या रही है शहर के अंदर से और बाहर से कुछ असमाजिक तत्व यहां नशे का व्यापार करते है वे लोग बच्चों को गुमराह करते हैं इसलिए हम लोग सचेत रहते हैं दिक्कत तो यह है छोटी-मोटी घटनाएं हुई है हमारे यहां अरविंद जी के गौदाम मे भी चोरी हो गई थी एक लाख रूपये की इनका DJ का काम है उसका भी काफी सामान चला गया था उसके बाद इंस्पेक्टर के पास हम सब लोग गए थे लेकिन कोई घटनास्थल पर अधिकारी नहीं आया था और नहीं उनकी बात का कोई ध्यान दिया गया। बस नहीं भरोसा तो पूरा है शाशन बहुत अच्छा है ।
पर यह है कि कुछ अधिकारी निरंकुश हो रहे हैं कुछ अधिकारी है ऐसे बात नहीं कुछ अधिकारी जिम्मेदार भी हैं नहीं वह तो सब बात अच्छी है कि एक साथ हम सब लोग बैठ रहे हैं हम लोगों की जिम्मेदारी बनती है।
तो वही शांति नगर निवासी अरविंद कुमार कहना है कि ये तो होना ही है ये तो होना ही है ये तो होना ही है जब हमारी कार्यवाही नहीं हो रही ज़ब थाने में जा रहे हैं कप्तान के पास जा रहे हैं हमारी सुनवाई नहीं हो रही तो क्या करे लोग.. हमारे जो चोरी हुई है गोदाम में उसमें हम गए हम कोतवाल से मिले और मेरे बड़े भाई बसंत जी उसके बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है चौकी इंचार्ज के पास भी गए वे बोलें की आप आए हैं कोई बात नहीं हम आपके पास आएंगे अब तक कोई भी पुलिस का अधिकारी नहीं आया है घटनास्थल पर दिक्कत यही है कि यहां पर नशे वाले लोग आते हैं सूखे नशे वाले अब हम अपनी सुरक्षा खुद कर रहे है।